भगवान की पूजा उनकी आरती के बाद ही संपन्न होती है| भगवान राम की की आरती pdf आप को नीचे दिए गए लिंक से मिल जाएगी| मन से राम जी की आरती ‘श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणं’ करें और पूजा करें | आपकी मनोकामना जरुर पूरी होगी|
भगवान श्री राम चन्द्र जी (Shri Ram Chandra Ji) अयोध्या में अपने बाल रूप में विराजमान हो गए हैं| भक्त अब भगवान श्री राम के दर्शन के लिए अयोध्या के राम मंदिर जा रहे हैं| वहां पर वे श्री राम जी की आरती में जरुर से भाग ले रहे हैं | और अपनी पूजा अर्चना को संपन्न कर रहे हैं | आप भी अपने घर में ही रहकर भगवान श्री राम की पूजा कर सकते हैं|
नीचे दिए गए लिंक से आप भगवन श्री राम जी की आरती pdf डाउनलोड कर ले| और सामने भगवान श्री राम चन्द्र जी की फोटो रख ले |दिया जला कर , तिलक करके और आरती गाकर आप भी श्री राम भगवान जी की पूजा संपन्न कर सकते हैं |
Shri Ram Aarti photo
आप नीचे दी गयी श्री राम आरती की फोटो को डाउनलोड कर सकते हैं |
श्री राम जी की आरती (Shri Ram Aarti) lyrics
**श्री राम चन्द्र जी की आरती**
श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणं।
नव कंज-लोचन कंज-मुख कर, कंज-पद कंजारुणं॥
कंदर्प अगणित अमित छबि, नव-नील-नीरद सुन्दरं।
पट पीत मानहु तडित रूचि, शुचि नौमि जनक सुतावरं॥
भजु दीनबंधु दिनेश दानव-दैत्य-वंश-निकंदनं।
रघुनन्द आनन्द कंद कोशल-चंद्र दशरथ-नन्दनं॥
शिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अङ्ग विभूषणं।
आजानुभुज शर-चाप-धर, संग्राम जित-खर-दूषणं॥
इतिवदति तुलसीदास शंकर-शेष-मुनि-मन-रंजनं।
मम ह्रदय कंज निवास कुरु, कामादि खल दल-गंजनं॥
मनु जाहि राचेउ मिलहि सो बरु, सहज सुंदर सांवरो।
करुना निधान सुजान शीलु, सनेहु जानत रावरो॥
एही भांति गौरी असीस सुनि, सिय सहित हिय हरषीअली।
तुलसी भवानी पूजि पुनि-पुनि, मुदित मन मन्दिर चली॥
श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणं।
नव कंज-लोचन कंज-मुख कर, कंज-पद कंजारुणं॥
दोहा– जनि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषुन जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे॥
श्री राम जी की आरती pdf
भगवान Shri Ram ji ki Arti pdf आप नीचे दिए गए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं|
बोलो भगवान श्री राम की जय, माता सीता की जय, हनुमान जी की जय, सभी देवी देवताओं की जय
इनकी भी पूजा और आरती करें तथा आरती की पीडीऍफ़ डाउनलोड करें
- श्री गणेश जी की आरती ‘जय गणेश जय गणेश देवा’
- हनुमान चालीसा pdf
- शनि आरती pdf
- दुर्गा जी की आरती pdf
- हनुमान जी की आरती pdf